
वो आये और आकर चले गए
खुशिया चंद लम्हों की मेहमान बन गयी...
अधुरा सा दिन, अधूरी सी रात
जानता हू किसकी कमी रह गयी...
बेबस पाता हू अपने आप को इस हालात में
कुछ तो कहिये आपके शब्दो की कमी रह गयी...
आपसे कितना प्यार है, यह जानती है आप,
फिर आपकी तरफ से क्यों थोडी कमी रह गयी..?
कुछ शब्दों को पढ़ते हुए बीत गयी रात
दिन हुआ तो आपकी कमी खल गयी..
बीत तो जायेगे यह भी दिन और रात
पर लगता है तुम बिन जीवन में कोई कमी रह गयी॥
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